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Workshop on Domestic Violence,Atrocities and legal rights of women at community level
आभार महिला समिति द्धारा दिनांक 28.12.2015 को ग्राम छतरपुर मे घरेलू हिंसा पर कानूनी सहायता षिविर का आयोजन किया गया। जिसमे संस्था कार्यकर्ता सुरेष कुमार जी, रामकुमार यादव, दीपक मिश्रा, एवं आषा राय कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप खरे, पर्भाति खरे, ग्राम वासियो उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ परिचय सत्र के साथ किया गया जिसमे प्रदीप जी ने अपना परिचय देते हुए संस्था के कार्यों के वारे वताया की महिला सषक्तिकरण /जागरूक और सषक्त करने के उद्द्धेष्य से ग्राम स्तर पर मीटिंग, बैठकों और षिविरों का आयोजन किया जाता है। साथ ही इन कार्यक्रमो का मुख्य उद्द्धेष्य लोगों को शासन द्धारा संचालित योजनाओं के बारे मे जानकारी देना और योजनाओं से जोडना है जिससे लोगों को अपने अधिकार मिले और पात्र हितग्राही तक योजनाओं की पहॅुच सके। आज की मीटिंग का उद्द्धेष्य जन समुदाय को महिला संरक्षण एवं महिला नीतियो के साथ कार्य स्थल पर महिलाआे के साथ हाने वाली हिसा के बारे सामूहिक चर्चा ताकी समाज मे महिलाएे आत्मििनभ्ज्र्ञर हो कार्य कर सकें और हिसा के पर्ति आवाज उठा सके। पर्भाति जी ने बताया कि घरेलू हिंसा भी इसी प्रकार की एक हिंसा है जिसमें शारीरिक हिंसा, मानसिक हिंसा, आर्थिक हिंसा, मैखिक व भावानात्मक हिंसा और यैानिक हिंसा होती है। शारीरिक हिंसा जैसे महिला के साथ मारपीट करना, थप्पड मारना, षरीर पर काटना अैार शरीरिक रूप से चाेट पहुचाना शारीरिक हिंसा कहलाती है। मैखिक हिंसा के अन्तर्गत वे सब बाते आती है जिससे किसी भी व्यक्ति को अपमानित करना मानसिक रूप से परेषान किया जाना ऐसी और बाते है जाे घरेलू हिंसा के अन्तर्गत आती है जैसे भद्धा मजाक करना किसी केा देख कर उल्टी व गन्दी बाते बाेलना दहेज जबर जस्ती करना कार्य स्थल पर इसी तरह की वाते या छेड छाड जैसे विषय केा जानना आवष्यक है साथ ही ऐसा कार्य करने वालेा के विरुघ आवाज उठाना उस भी ज्यादा जरुरी है। अगर किसी महिला के साथ हिसा हाे ताे वह सवसे पहले यह करे।अपने परिवार याे किसी रिस्तेदार केा वताये जिसे वह अपना करीबी मानती हाे थाने मे जा कर एर्फआइ आर कराये डाक्टरी जाचॅ किसी एम.बी.बी.एस कराय े जब तक जाचॅ न हो तक पीडिता साक्ष्याे केा सबुताे का मिटने न दे न नहाये न ही कपडे बदले न धाेये वही पीडिता मदके लिए ।ठभ्।त् ब्भ्भ्।ज्।त्च्न्त् च्ंहम 34 गाेरवी महिला सम्मान और सरंक्षण अभियान केा उक्त नम्बर पर फारे कर के मदद ले सकती है। 18002332244 पर सम्र्प क कर जानकारी दर्ज कराये। देष /मध्यप््रादेष में महिलाओ की दिन प््राति दिन कम होती जनसख्या केा देख कर र्कइ नियम कानून लागु किये गये है जिसमें अधिनियम वर्ष 2005 एक मुख्य महिला अधिकार कानून है अगर महिला बच्चे साथ हिंसा की जाती है ताे महिला अपनी षिकायत महिला बाल विकास अधिकारी के पास कर सकता है। रामकली अहिरवार ने पूछा कि इसकी षिकायत और कहां की जा सकती है। जिस पर ज्योति जी ने बताया कि इसी षिकायत महिला बाल विकास अधिकारी या नजदीकी थाने पुलिस अधिकारी और पर्थम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के पास षिकायत करती है और लोग परिवार का सदस्य द्धोसी पाया जाता है तो सजा के साथ 20000 रू0 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। पीडित महिला के लिए आश्रय गृह चिकित्सा विधा कानूनी जैसी सुविधाऐं षासन द्धारा उपलब्ध कर्राइ जा सकती है पीडित महिला के रहने के लिए आश्रय गृह की व्यवस्था भी की जा सकती हे। कार्यøम से लोगेा ने जाना की हिसां क्या है तथा किस तरह के प्रावधान है इस कानून में इस के वाद कार्यक्रम का समाप्न किया गया जिसमें कमलेष जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
परिणाम - महिलाआे की समझ विकसित र्हुइ महिलाओ ने कार्य स्थल पर हाने वाली हिंसा के वारे मे भी जाना साथ ही स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाली आषा आगनवाडी कार्यकता सुखा समिति के सदस्याे केा पुलिस सहायता सरंक्षण अधिकारी के नम्बर व अन्य जानकारी उपलबध कर्राइ गई।